पहली बार संयुक्त अरब अमीरात में बीयर बनी है
रुढ़िवादी यूएई की राजधानी आबू धाबी में पहली बार एक ब्रुअरी में बीयर बन रही है. यहां अल्कोहल लंबे समय से पूरी तरह वर्जित रहा है.
आबू धाबी में बीयर की ब्रुअरी
सूखे रेतीले आबू धाबी के पब में चाड मैकगेही चमचमाते स्टील टैंकों को देख काफी जोश में हैं. 42 साल के अमेरिकी मैकगेही इस ब्रुअरी को शुरू करने वाले लोगों में एक हैं. इससे पहले वह आयातित बीयर यूएई में बेचते रहे हैं.
घरेलू जायके वाली बीयर
यूएई ने जब ब्रूइंग की इजाजत दे दी तो मेकगेही ने कुछ लोगों के साथ मिल कर क्राफ्ट को शुरू किया. यह ब्रुअरी 8-14 बीयर बना रही है. इनमें से कई तो बिल्कुल स्थानीय स्वाद के हिसाब से बनाई जा रही हैं. मसलन काराक टी जो यहां खाड़ी में काफी पसंद की जाने वाली चाय है.
पहली माइक्रोब्रुअरी का लाइसेंस
खाड़ी के मुस्लिम देश तेल के कारोबार से बाहर निकल कर दूसरे उपायों से अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में जुटे हैं. इसी कड़ी में अल्कोहल के लिए भी कुछ छूट दी गई है. पहली माइक्रोब्रुअरी के लिए लाइसेंस लेने वाले मैकगेही इसी का फायदा उठाने में जुटे हैं.
इलायची और केसर
आबू धाबी की बीयर में चाय के अलावा कई चीजों का इस्तेमाल हो रहा है. किसी बीयर में काली चाय, इलायची और केसर है तो किसी में शहद, खजूर और कॉफी. उनका कहना है कि स्थानीय बाजारों में जो कुछ मिलता है, उनसे क्राफ्ट की बीयर का जायका तैयार होता है.
यूएई में ब्रुअरी
2021 में अबूधाबी यूएई में लाइसेंसी पबों में ब्रूइंग की इजाजत देने वाला पहला अमीरात बना. मैकगेही ने 2019 में साइड हसल ब्रूइज एंड स्पिरिट्स की स्थापना की. तब यह यूएई का पहला घरेलू ब्रांड बना हालांकि इस दौरान बीयर बाहर से आयात कर के बेची जाती थी.
यूएई ने दिखाया लचीलापन
यूएई ने शराब से जुड़े कानूनों में लचीलापन दिखाया है. दुबई में पिछले साल शराब पर 30 फीसदी का टैक्स खत्म कर दिया गया और साथ ही गैर-मुस्लिमों को शराब बेचने वाली लाइसेंसी दुकानों की परमिट पर लगने वाला चार्ज भी हटा दिया गया.
आबूधाबी में बीयर
आबूधाबी की 1 करोड़ की आबादी में 90 फीसदी लोग विदेशी हैं. अल्कोहल बेचना और इस्तेमाल करना पहले वहां केवल होटलों के बार तक सीमित था, जहां विदेशी लोगों का ज्यादा आना जाना होता था.
ईरान का असर
ईरान में हुई 1979 की इस्लामिक क्रांति का मुस्लिम देशों पर बहुत असर हुआ. इसके बाद कई मुस्लिम देशों ने खुद को रुढ़िवादी और धार्मिक मूल्यों वाली परंपराओं में पूरी तरह लपेट लिया. 2000 के बाद 900 से ज्यादा मस्जिदों वाले यूएई ने अपनी उदार छवि बनानी शुरू की और शराब को यहां आने की इजाजत मिली.
अब भी बहुत हैं पाबंदियां
अल्कोहल की बिक्री पर ओमान, कतर और कुवैत में पूरी तरह से रोक है. यूएई के ही एक अमीरात शारजाह में आज भी शराब बेचने पर पूरी तरह पाबंदी है. कतर में फुटबॉल वर्ल्डकप के दौरान सीमित मात्रा में कुछ जगहों पर बीयर बेचने की छूट मिली थी.
सऊदी अरब में शराब की दुकान
अब संयुक्त अरब और अमीरात में उदारता और आर्थिक उन्नति की होड़ मची है. आबू धाबी से कुछ ही घंटों की दूरी पर सऊदी अरब है, जो इस्लाम की जन्मभूमि है. यहां हाल ही में एक शराब की दुकान को लाइसेंस मिला है. यहां केवल गैर-मुस्लिम विदेशी राजनयिकों को ही शराब मिल सकती है.